पाठशाला – बैंकिंग की -1 अपना पैसा कहाँ रखें?

कंपनी के फ़िक्स्ड डिपॉज़िट से तुलना Comparision of Deposits with Banks with that at Public and Private Limited Companies

कंपनी के फ़िक्स्ड डिपॉज़िट चाहे वे पब्लिक लिमिटेड हों चाहे प्राइवेट लिमिटेड बैंकों के फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में जमा रकम
लॉक इन पीरियड में पैसा नहीं निकाल सकता है चाहे कुछ भी क्यों न हो जाये जब चाहें तब पैसा निकाल सकते हैं, बशर्ते रकम बहुत बड़ी न हो । सामान्यतया एक करोड़ से ऊपर के एकल जमा राशि को ही बैंक चाहे तो निकालने से मना कर सकता है।
इन के गारंटी पर लोन लेना आसान नहीं होता है। यों कहिए नहीं मिल सकता है। यहाँ तो आप जब चाहे तब एक मुश्त लोन भी ले सकते हैं। चाहें तो आप उसकी जमानत पर ओवेरड्राफ्ट खाता भी खोल सकते हैं। (दोनों में अंतर जानने के लिए FAQ देख लें)।
इस पैसे को प्राप्त करने में अपेक्षाकृत कुछ अधिक समय लगता है। इसमें कोई समय नहीं लगता है।
इसका ट्रान्सफर नहीं हो सकता है इसका ट्रान्सफर एक शाखा से दूसरे शाखा में या दूसरे शहर में हो सकता है
यदि कंपनी बैठ गयी – दिवालिया घोषित हो गयी तो पैसा डूब ही जाता है। उसको पाना बहुत मुश्किल या यों कहें नामुमकिन होता है। रुपया 5 लाख तक प्रति व्यक्ति / प्रति बैंक तक का पैसा बीमित होता है। बैंक के डूबने या बंद होने पर सूद व ब्याज मिला करके इतना रुपया अवश्य मिलेगा। करोणों रुपए को बीमित करवाने के उपपाय को जानने के लिए FAQ को देखना लाभकारी होगा।
यदि आपने समय पर अपने पैसे का भुगतान नहीं लिया तो आपको अधिक समय तक रखे जाने का ब्याज नहीं मिलेगा। इसमें आपका ब्याज मरता नहीं है। FAQ को देखें।
अगर ये डिमटेरियलाइज़ नहीं होंगे तो परिपक्वता पर आपको डाक व्यय व बैंक चार्ज दोनों ही वहाँ करना पड़ेगा। यहाँ पूरा पैसा मिलता है
यदि एक वित्तीय वर्ष में 5000 से ज्यादा ब्याज मिलता है तो TDS काट लिया जाता है। सामान्य लोगों का 40,000 तक का एवं सीनियर सिटीजेन के 50,000 तक के ब्याज पर TDS नहीं कटता है।
कंपनी सही है या नहीं, यह पता लगाना बहुत ही कठिन है। यहाँ ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।

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